सुख-दुख

Short stories in Hindi: एक राज्य मे सभी लोग आमिर थे बस रसिकलाल का परिवार ही ग़रीब था. रसिकलाल के पास उस गाव मे कोई जायदाद नही थी. एक छोटिसी झोपड़ी छोड़कर उसके पास कोई ज़मीन नही थी. रसिकलाल रोज जंगल जाता था और लकड़ी लेकर वापस आता था. कभी कभी खेत मे काम करता था और कुछ नही तो जंगल के फल तोड़कर उसे बेचता था. अपने परिवार का पेट भरता था. उसकी बीवी भी लोगो के घरो मे काम काज करके पैसे कमाती थी. उनके दो बच्चे थे. रसिकलाल अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा दे रहा था. वो नही चाहता था की उसके बच्चे भी उसकी तरह काम करे.

अचानक एक दिन रसिकलाल का एक दोस्त करोड़पति बन गया. अपने दोस्त की धन दौलत देखकर रसिकलाल को भी लालच आ गयी उस दोस्त ने रसिकलाल से कहा जंगल मे बहोत सारे खजाने होते है. उन्हे ढूंढकर रसिकलाल भी अमीर बन सकता है. यह बात रसिकलाल ने अपने बीवी बच्चो से कही उन्होने इस बात को मना कर दिया. फिर भी रसिकलाल ने उनकी एक बात ना मानी.

रसिकलाल सोचने लगा की कुछ भी हो जाए मे खजाना ढूँढ के रहुगा. कई रातो तक रसिकलाल को नींद नही आई वो बस खजाने के बारे मे सोचता रहा. वो किसी और काम मे दिल ही नही लगा पा रहा था. Short stories in hindi

एक दिन रसिकलाल अपने दोनो बच्चो को लेकर जंगल चला गया. तीनो के हाथ मे एकेक कुल्हाड़ी थी. कुछ लकड़िया काट कर जमा करने के बाद रसिकलालने अपने दोनो बच्चो को पास मे बुला लिया और बोला तुम्हारी मा तो मेरी बात नही मान रही कम से कम तुम लोग तो मेरी बात सुन लो तो बच्चे बोले मा ने जो बोला वो सही है दूसरो की तरक्की देख कर ईर्षा होना अच्छी बात नही है. मेहनत करके जो कमाया जाए वही दौलत साथ देती है. ग़लत रास्ते से कमाई गयी दौलत से संतोष कभी नही मिल सकता. बीवी और बच्चो के मना करने के बावजूद रसिकलाल अपने ज़िद पर अड़ा रहा. Short stories in hindi

 रसिकलाल एक रात खजाने की तलाश मे जंगल की और निकल पड़ा खजाना एक अंधेरी पहाड़ की गुफा मे छुपा हुआ था. उस गुफा मे डरावनी आवाज़ आती रहती थी. तभी रसिकलाल को खजाना दिख गया. उसे देख कर उसकी आखे लालच से चौक उठी उसे अचानक याद आया की वा तो अकेला है और इतना सारा खजाना है. कैसे ले कर जाए उसने सोचा वा एक बैलगाड़ी लेकर आएगा और उसमे खजाना भर कर ले जाएगा. और उसने पीछे मुड़कर देखा तो उसके पीछे बड़ा राक्षस खड़ा था. राक्षस बोला तुम्हारी खजाना ढूँडने की खोज ख़त्म हुई यह सब खजाना तुम्हारा है. इसके साथ तुम्हे और क्या चाहिए? (Read More: rscit result 17 february 2019)

रसिकलालने राक्षस से कहा मुझे दो वरदान और चाहिए राक्षस बोला माँग लो तो वो बोला की पहला वरदान यह चाहिए की मेरा धन कभी भी ख़त्म ना हो और दूसरा मै हमेशा जवान बना रहू और मुझे कभी भी मृत्यु नही आनी चाहिए ऐसा वरदान मुझे चाहिए राक्षस ने तथास्तु बोला और वहा से गायब हो गया. Short stories in hindi

रसिकलाल जब खजाना लेकर वापस आया तो उसे देख कर उसकी बीवी बिल्कुल खुश नही हुई क्यूकी वो जानती थी की दौलत इंसान की नियत खराब कर देती है. खजाना पाकर  रसिकलाल बहुत अमीर हो गया. उसने एक राजमहल बनाया और एक राज्य का राजा बन गया वहा वो बस ऐय्यासि करने लगा बुरी आदते लगा ली. धीरे धीरे अपने बीवी बच्चो से भी दूर होने लगा. उसकी बीवी यह सब सहन नही कर पा रही थी. तो अपने बच्चो के साथ मायके चली गयी. उसने अपने बच्चो की अच्छी परवरिश की और वो धीरे धीरे बड़े हो गये. फिर उन्होने छोटिसी ज़मीन लेकर उसपे खेती करने लगे. फिर उन्होने शादी कर ली और उनके बच्चे भी हो गये तभी रसिकलाल की बीवी चल बसी कुछ सालो बाद रसिकलाल के बच्चे भी बूढ़े होने लगे. पर रसिकलाल की उम्र मानो थम सी गयी थी. ऐसे ही रसिकलाल की तीन पीढ़िया गुजर गयी पर रसिकलाल अभी भी जवान था. (Read More: Short Stories Hindi)

एक दिन उसे ख्याल आया की चलो देखते है की प्रजा उसके बारे मे क्या बोलती है. तो वो भेस बदल कर लोगो से मिलने लगा और पूछने लगा, बाहर जाकर एक औरत से उसने पूछा माजी आपके राजा कैसे इंसान है. ज़रा बताइए तो उस औरत ने जवाब दिया की वह एक मूर्ख इंसान है. उसने खुद की अय्यासि के अलावा कुछ नही देखा. उसके आखो के सामने उसकी तीन पीढ़िया मर गयी लेकिन वह तो मरता ही नही यह सब सुन कर रसिकलाल को खुद पर घिन आने लगी वह सोचने लगा की ऐसे जीने का क्या मतलब जस सब उसे धूतकार रहे है. तो उसे जिंदगी बेमतलब लगने लगी और वह मरने चला गया. उसने रस्सी से फासी लगाने की कोशिश की तो रस्सी धागा बन जाती थी. जब वह पत्थर से सिर फोड़ने लगता था तो रूई बन जाता था. इस तरह वा अलग अलग तरीके से मरने की कोशिश करने लगा लेकिन मौत ही उसके नसीब मे नही थी. तो फिरसे वा जंगल मे उसी गुफा मे गया और राक्षस से मौत का वरदान माँगने लगा राक्षस ने उसकी बात मान ली और उसे सामान्य इंसान की तरह मरने का वरदान दिया. Short stories in hindi

फिरसे वह अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगा और कुछ सालो बाद मर गया जीवन मे शुरूवात जितनी महत्वपूर्ण है उतना ही अंत भी जीवन मे सुख दुख के साथ जीना चाहिए. 

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