4 Best Moral Stories in Hindi सुझ-बूझ, गुणों की पहचान , सुख-दुःख, फ़रिश्ते

सुझ-बूझ

Moral Stories in Hindi
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Moral Stories in Hindi: एक बार एक बालिका अपने पिता के साथ नदी पार कर रही थी। नदी का बहाव बहुत तेज़ था। अतः पिता ने बेटी से कहा कि तुम मेरा हाथ पकड़ लो, नदी का

बहाव बहुत तेज़ है और तुम उसमें गिर सकती हो।

इस पर बालिका ने उत्तर दिया कि पिताजी, मैं आपका हाथ नहीं पकड़ूँगी

बल्कि आप मेरा हाथ पकड़िए। पिताजी ने कहा, “बेटा, एक ही बात है।”

इस पर बालिका का उत्तर या, ” नहीं पिताजी, एक बात नहीं है, दोनों में बड़ा

अंतर है। अगर मैं आपका हाथ पकडूँगी और मेरा पैर फिसल गया तो संभव है कि

मुझसे आपका हाथ छूट जाए, किन्तु यदि आप मेरा हाथ पकड़ते हैं और कभी मेरा पैर

फिसल जाए तो मुझे विश्वास है कि आप मेरा हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे।”

गुणों की पहचान

Motivational Stories
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एक मकान की नीलामी हो रही यो.

सभी सामान एक के बाद एक बिक रहे थे|

आखिर में एक ऐसा खराब,धूल खाया हुआ|

गिटार मिला जिसके सभी तार खुले हुए

गिटार की हालत देख सभी लोग

इसकी कीमत पचास रुपए से ज्यादा नही लगा रहे थे।

अचानक एक वृद्ध व्यक्ति भीड़ में से

निकल कर आया और शिटार को साफ

करके, ठीक करके बजाने लगा। कुछ देर बाद

उसमें से अद्भुत स्वर निकलने लगे|

उसके बाद उस गिटार की कीमत

पचास हजार रुपए हो गाई। Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi: सुख-दुःख

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एक बार एक गाँव के सभी बाशिंदों ने सोचा

कि यहाँ सब है पर एक मन्दिर नहीं है। उन सबने

एक कारीगर को बुलाया और उससे कहा कि आप

भगवान की एक मूरत बनाएँ।

थोड़ी दूर दो बड़े-बड़े पत्थर रखे थे। कारीगर

ने उनके पास जाकर पहले पत्थर से कहा कि मैं

तुम्हें दो-तीन साल तक हथौड़ी और छैनी से तराश

कर एक मूरत बनाऊँगा, तुम्हें तकलीफ होगी, थोइ़ा

दर्द सहन करना पड़ेगा, फिर तुम्हें ज़िन्दगी भर का

आराम हो जाएगा, लेकिन उस पत्थर ने मना कर दिया।

जब कारीगर ने दूसरे पत्थर के पास जाकर

पूछा तो उसने हाँ कर दी। कुछ दिन बाद जब मन्दिर

में भगवान की मूरत बनकर स्थापित हुई तो सब

लोग हार-फूल, प्रसाद और नारियल चढ़ाने आए । Moral Stories in Hindi

जब लोग नारियल फोड़ने के लिए जगह

तलाशने लगे तो सबको दूर वह पहला पत्थर दिखाई

तिया, जिसने मुर्ति बनने से मना कर दिया था।

Moral Stories in Hindi:फ़रिश्ते

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दो फ़रिश्ते एक धनी परिवार के यहाँ रात गुज़ारने

के लिये रूके। परिवार के मालिक ने उनका ज़रा भी

ख्याल नही रखा। उसने उन्हें न तो अच्छा भोजन करवाया

और न ही सोने के लिये अच्छा बिस्तर दिया।

सोते समय बड़े फ़रिश्ते को दीवार में एक छेद नज्र

आया तो वह उसकी मरम्मत करने लगा । यह देखकर

छोटे फ़रिश्ते ने उससे पूछा कि ये क्या कर रहे हो ? उसने

जवाब दिया कि चीजें वैसी नहीं होतीं जैसी दिखती हैं।

अगले दिन वे एक गरीब किसान के यहाँ रुके। किसान ने

अपनी हैसियत से बढ़कर उनकी खातिरदारी की।

सवेरे जब वे उठे तो किसान और उसकी पत्नी रो

रहे थे, कारण पूछने पर पता चला कि किसान की जीविका

साधन उसकी गाय मर चुकी थी। छोटे

फ़रिश्ते को बड़ा गुस्सा आया, उसने बड़े फ़रिश्ते से कहा

पहले परिवार ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया,

लेकिन तुमने उनकी दीवार की मरम्मत की। इस गरीब

किसान ने हमारा कितना ख्याल रखा, लेकिन हमारे होते हुए भी उनकी गाय मर गयी।

बड़े फ़रिश्ते ने जवाब दिया कि जहाँ दीवार में छेद

था, वहाँ से मुझे सोना नजर आ रहा था और मैंने वह छेद

इसलिये बंद कर दिया ताकि धनवान को वह सोना न

मिल पाए। दूसरी स्थिति में मौत का फ़रिश्ता किसान की

पत्नी को लेने आया था, लेकिन मैंने उसे गाय दे कर टरका दिया। Moral Stories in Hindi

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